Combination
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Rudraksha
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Saraswati
Pendant for Students
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2
Nos. of 4 Mukhi + 1 No. of 6 Mukhi
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For Unity of family
(Family Bliss Pendant)
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2 Nos. of 2 Mukhi +
1 No. of Gauri Shankar
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For every sort of
Business
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6 Mukhi + 8 Mukhi +
12 Mukhi
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For Iron, Chemical
Process and Clothes Business
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6 Mukhi + 8 Mukhi +
15 Mukhi
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For Females in Business
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6 Mukhi + 8 Mukhi +
9 Mukhi
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For Attraction of
Wealth and Prosperity
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2 Nos. of 6 Mukhi +
13 Mukhi
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For Early Marriage
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2 Mukhi + 5 Mukhi +
7 Mukhi
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For Politicians
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8 Mukhi + 12 Mukhi +
16 Mukhi
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For Administrators
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3 Mukhi + 4 Mukhi +
16 Mukhi
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For Advocates
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4 Mukhi + 6 Mukhi +
8 Mukhi
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For Doctors and
Surgeons
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4 Mukhi + 9 Mukhi +
12 Mukhi
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For Meditation and
Yoga Practices
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1 Mukhi + 9 Mukhi +
11 Mukhi
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For Protection
(Males)
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2 Nos. of 3 Mukhi +
11 Mukhi
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For Protection
(Females)
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9 Mukhi
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Power Bracelet for
Power, Protection and power of Speech
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3 No. of 4 Mukhi
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For opening Intution
power and 6th sense
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2 Nos. of 3 Mukhi +
14 Mukhi
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For perfect Health
(Health Power Pendant)
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3 Nos. of 3 Mukhi +
2 Nos. of 5 Mukhi + 12 Mukhi
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For Marketing
Persons (Marketing Power Pendant)
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7 Mukhi + 8 Mukhi +
12 Mukhi
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For Power of 3 Deva
(Siddha Kavach)
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4 Mukhi + 5 Mukhi +
10 Mukhi
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For Kaal Sarp
removal (Kaal Sarp Pendant)
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2 Nos. of 8 Mukhi +
9 Mukhi
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For Saturn Sade Sati
removal (Saturn Sade Sati Pendant)
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2 Nos. of 7 Mukhi +
11 Mukhi
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For Nav Griha (9
Planets) Pacification
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2 Mukhi to 9 Mukhi +
12 Mukhi
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Siddha Mala
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1 Mukhi to 14 Mukhi
+ Gauri Shankar + Ganesh Rudraksha
|
Saturday, 26 January 2013
Choosing Rudraksh For Career
Sunday, 13 January 2013
Medical Astrology
Diseases according to Rashi
ARIES: Eye disaese, Headache, Mental Stress,
Mouth disease
ARIES: Eye disaese, Headache, Mental Stress,
Mouth disease
TAURUS
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Throat, disease of
trachea, disease of eye, Ear & Throat, gums.
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GEMINI
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Chest cavity,
breasts & mucous membrane.
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CANCER
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Heart, Spine, middle
back.
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LEO
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Stomach problem,
Gastric disorders
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VIRGO
|
Small Intestine,
disease of Intestine, Non- digestion waist pain, Pancreas, duodenum
|
LIBRA
|
Disease of urinary
tract, diabetics, poly urination, bladder, large intestine, rectum, vagina,
testis
|
SCORPIO
|
Bladder, Sex organs,
Coccyx, Cervix
|
SAGITTARIUS
|
Hip & thighs,
sciatic nerve
|
CAPRICORN
|
Skin diseases, Blood
Pressure, Knees, hair, nail, cell wall.
|
AQUARIUS
|
Lower leg, calf
& ankles, valves of heart
|
PISCES
|
Feet & toes,
lymphatic system and spleen.
|
Labels:astrology,jyotish,palmisitry
Medical Astrology
how to choose Rudraksh by therapy
Therapy combination of Rudraksh
1.Throat, neck, kidneys, sex organs, thyroid glands 6 Mukhi, +13 Mukhi
2.Sex glands, adrenal glands, red blood cells, stomach disorders, 3 Mukhi
blood pressure disorders
3. Skin problems, body pain 9 Mukhi
4. Sleep disorders 8 Mukhi
5. Hands, arms, lungs, sensory organs, thyroid glands, 4 Mukhi
brain disorders
6.Stomach including gastric processes, breasts, 2 Mukhi
lymphatic and non blood fluid systems, perspiration
and saliva and sympathetic nervous system
7.Heart, spine, diaphragm, thymus, blood, veins, eye sight 1 mukhi+12 Mukhi
8 Spleen, skeletal system including cartilage, skin, lower leg 7 Mukhi+ 14 Mukhi
from the knee to the ankle and
anterior lobe of the pituitary gland
9 Nervous system disorders 11 Mukhi
10 Liver, gallbladder, posterior lobe of the pituitary related 5 Mukhi
to growth and thighs, blood pressure disorders
Labels:astrology,jyotish,palmisitry
combination of Rudraksh,
Therapy
Saturday, 12 January 2013
Gem For Kark / Cancer,Singh/ Leo ,Kanya/ Virgo ,Tula/ Libra ,Vrischik/ Scorpio,Dhanu/ sagitarius ,Makar/Capricon ,Kumbha/ Aquarius ,Meen/ Pisces Lagna
Gem For Kark / Cancer,Singh/ Leo ,Kanya/ Virgo ,Tula/ Libra ,Vrischik/ Scorpio,Dhanu/ sagitarius ,Makar/Capricon ,Kumbha/ Aquarius ,Meen/ Pisces Lagna
Kanya/
Virgo Lagna: Lord Mercury
Tula/
Libra Lagna: Lord Venus
Vrischik/
Scorpio Lagna: Lord Marsh
Dhanu/
sagitarius Lagna: Lord Jupiter
Makar/Capricon
lagna : Lord Saturn
Kumbha/
Aquarius Lagna: Lord Saturn
Meen/
Pisces Lagna: Lord Jupiter
Kark / Cancer Lagna: Lord Moon
माणिक:
2 धन भाव का स्वामी हो कर सूर्य मारक है। परंतु लग्नेश चंद्र का सूर्य मित्र है। आंखों का कष्ट हो, तो सूर्य की महादशा में माणिक धारण करें। अन्यथा न पहनें तो ठीक।
मोती:
कर्क लग्न का स्वामी ही चंद्रमा है। अतः मोती जीवन रत्न है। आजीवन मोती धारण करें। अति शुभ।
मूंगा:
मंगल कर्क लग्न में 5, 10 भावों का स्वामी हो कर महायोग कारक और लाभकारी ग्रह है। मूंगा और मोती साथ-साथ हो, तो अत्यंत शुभ। मंगल की महादषा में अवस्य पहनें।
पन्ना:
बुध 3 और 12 दो अशुभ भावों का स्वामी है। कभी नहीं पहनना चाहिए।
पुखराज:
कर्क लग्न के लिए गुरु 6, 9 भावों का स्वामी है। नवम त्रिकोण स्वामी हो कर शुभ माना गया है।मोती के साथ अधिक लाभकारी।
हीरा:
शुक्र 4, 11 भावों का स्वामी है। शुक्र और चंद्र में मित्रता नहीं। अशुभ माना गया है।
नीलम:
अशुभ है। षनि 7 और 8 स्थानों का स्वामी हो कर मारक स्थान एवं दुःस्थान दोनों का स्वामी है। कभी नीलम धारण नहीं
Singh/ Leo Lagna: Lord Surya/ Sun
माणिक:
सूर्य लग्नेश है। जीवन रत्न है। अत्यंत शुभ फलदायक। अवस्य और सदा पहनें।
मोती:
चंद्रमा 12 भाव का स्वामी है। यदि चंद्रमा स्वराषि में 12वें भाव में स्थित हो, तो चंद्र की महादषा में पहन सकते हैं। आवष्यकता न हो तो न पहनें।
मूंगा:
मंगल 4, 9 भाव का स्वामी हो कर अत्यंत योगकारक ग्रह है। अति शुभ।माणिक के साथ पहनें, तो विशेष फलदायक होगा।
पन्ना:
सिंह लग्न के लिए बुध 2, 11 भावों का स्वामी हो कर शुभ नहीं माना जा सकता। केवल बुध की महादशा में पहनने से लाभ होगा।
पुखराज:
बृहस्पति 5, 8 भावों का स्वामी है। पंचम त्रिकोण का स्वामी हो कर शुभ ग्रह माना गया है। पुखराज लाभकारी है। माणिक के साथ विषेश लाभ देगा। बृहस्पति की महादशा में शुभ फल देगा।
हीरा:
शुक्र 3, 10 भावों का स्वामी हो कर शुभ नहीं है। शुक्र और लग्नेश सूर्य मित्र भी नहीं हैं। केवल शुक्र की महादशा में पहन सकते हैं। आवस्यकता न हो तो न पहनें।
नीलम:
कभी न पहनें। शनि 6, 7 भावों का स्वामी हो कर मार्केष भी है।
Kanya/
Virgo Lagna: Lord Mercury
माणिक:
कभी धारण न करें। सूर्य 12 वें भाव का स्वामी है। हानि होगी। खर्च बढे़गा।
मोती:
आवस्यक न समझें, तो न पहनें। चंद्र 11 वें भाव कास्वामी हो कर पापी है। चंद्र और बुध के संबंध अच्छे नहीं हैं। चंद्र की महादशा में पहनना चाहें, तो पहन लें।
मूंगा:
मंगल 3, 8 भावों का स्वामी है। न पहनें। हानि ही करेगा।
पन्ना:
बुध लग्न एवं दसवें भाव का स्वामी है। जीवन रत्न है। षुभ फलकारक है। महादशा में विषेश लाभ।
पुखराज:
बृहस्पति 4, 7 भावों का स्वामी हो कर 2 केंद्रों का स्वामी है। अतः केंद्राधिपति दोष से दूसित है। प्रबल मार्केश है। तब भी बृहस्पति की महादशा में सुख दे सकता है। आवस्यकता न हो तो न पहनें।
हीरा:
षुक्र कन्या लग्न के लिए 2, 9 भावों का स्वामी है। त्रिकोण पति हो कर अत्यंत शुभ है। पन्ने के साथ अति उत्तम। नीलम: शनि 5, 6 भावों का स्वामी हो कर अशुभ नहीं माना गया। शनि की महादषा में धारण करके लाभ पाया जा सकता है।
Tula/
Libra Lagna: Lord Venus
माणिक:
सूर्य 11वें भाव का स्वामी है। सूर्य और लग्नेश शुक्र शत्रु भी हैं। माणिक शुभ नहीं होगा। आवष्यक लगे, तो सूर्य की महादषा में पहनें। उत्तम न पहनने में है।
मोती:
चंद्र 10 वें भाव का स्वामी हो कर शुभाशुभ फल देगा। चंद्र और शुक्र आपस में मित्र नहीं हैं। महादषा में पहन सकते हैं।
मूंगा:
वर्जित। कभी न पहनें। 2 और 7 दोनों स्थानों का स्वामी हो कर मंगल मार्केश है।
पन्ना:
बुध 9, 12 भावों का स्वामी हो कर तथा द्वादश में बुध की मूल त्रिकोण राशि पड़ने के अलावा नवम त्रिकोण का स्वामी हो कर शुभ माना गया है। बुध और लग्नेश शुक्र की मित्रता भी है। जातक को चाहिए कि पन्ने को हीरे के साथ धारण करें।
पुखराज:
वर्जित। तुला लग्न के लिए बृहस्पति 3, 6 दो अशुभ भावों का स्वामी है। न पहनें।
हीरा:
हीरा तुला लग्न में शुक्र का जीवन रत्न है। शुक्र लग्न एवं अष्टम का स्वामी है। लग्नेश होने के कारण अष्टमेश होने का दोष नहीं रह जाता।
नीलम:
तुला लग्न के लिए शनि 4, 5 शुभ भावों का स्वामी हो कर योगकारक ग्रह बन जाता है। लग्नेश शुक्र और शनि मित्रभी हैं। नीलम के साथ हीरा, अथवा नीलम के साथ पन्ना पहनने पर शुभ फल एवं हर तरह का सुख मिलेगा।
Vrischik/
Scorpio Lagna: Lord Marsh
माणिक:
सूर्य दशम भाव का स्वामी हो कर शुभ है। लग्नेश मंगल का मित्र है। धारण करने से लाभ होगा। सूर्य की महादशा में अवस्य पहनें।
मोती:
चंद्र नवम त्रिकोण का स्वामी हो कर अत्यंत शुभ फल देगा। लग्नेश मंगल और चंद्र के संबंध अच्छे हैं। मूंगा और मोती साथ पहनें, तो लक्ष्मी की प्राप्ति होगी।
मूंगा:
मंगल लग्नेश एवं षष्ठेश है। लग्नेश को षष्ठेश का दोष नहीं लगता। जीवन रत्न है। अवष्य पहनें।
पन्ना:
बुध 8, 11 दो अशुभ भावों का स्वामी हो कर शुभ नहीं है। यदि बुध 1, 2,
4, 5, 9, 11 भावों में बैठा हो, तो बुध की महादशा में आर्थिक लाभ देता है। आवस्यकता न हो तो न पहनें।
पुखराज:
बृहस्पति 2, 5 भावों का स्वामी है।पंचम त्रिकोण को स्वामी हो कर शुभ ग्रह माना गया है। लग्नेष मंगल और बृहस्पति मित्र हैं। पुखराज पहनना चाहिए।
हीरा:
वृश्चिक लग्न में षुक्र 12, 7 भावों का स्वामी हो कर शुभ नहीं माना गया है। मंगल और शुक्र में मित्रता भी नहीं है। हीरा धारण नहीं करना चाहिए।
नीलम:
वृश्चिक लग्न के लिए शनि 3, 4 भावों का स्वामी शुभ नहीं माना गया है। यदि शनि चतुर्थ का स्वामी हो कर 5, 9, 10, 11 भावों में स्थित हो, तो शनि की महादषा में नीलम धारण किया जा सकता है। शनिऔर मंगल में कोई मेल नहीं है। आवस्यकता न हो तो न पहनें।
Dhanu/
sagitarius Lagna: Lord Jupiter
माणिक:
धनु लग्न में सूर्य नवम् त्रिकोण का स्वामी होता है। अतः माणिक शुभ फल देगा। सूर्य की महादशा में विशेष लाभदायक।
मोती:
धनु लग्न में चंद्रमा अष्टम-भाव दुःस्थान का स्वामी हो कर शुभ नहीं है। मोती धारण नहीं करें।
मूंगा:
मंगल इस लग्न में पंचम त्रिकोण एवं द्वादश भाव का स्वामी है।त्रिकोण का स्वामी हो कर शुभ ग्रह माना गया है। मूंगा पहन सकते हैं।
पन्ना:
बुध 7, 10 भावों का स्वामी हो कर केंद्राधिपति दोष से दूसित है। यदि बुध 1, 2,
5, 9, 10, 11 भावों में स्थित हो, तो पन्ना बुध की महादशा में पहना जा सकता है उपर्युक्त भावों में बुध न हो, तो पन्ना न पहनें। आवस्यकता न हो तो न पहनें।
पुखराज:
धनु लग्न के लिए बृहस्पति लग्न एवं चतुर्थ का स्वामी हो कर शुभ माना गया है। जीवन रत्न है। रक्षा कवच का कार्य करेगा। भाग्य रत्न माणिक के साथ पहनने से बहुत शुभ फल देगा। बृहस्पति की महादशा में अवष्य पहनें।
हीरा:
धनु लग्न के लिए शुक्र 6, 11 भावों का स्वामी हो कर शुभ ग्रह नहीं है। शुक्र लग्नेष बृहस्पति का शत्रु है। एकादश का स्वामी शुक्र 1, 2, 4, 5, 9 या 11 भावों में स्थित हो, तो शुक्र की महादषा में हीरा धारण कर लाभ पाया जा सकता है। अति आवस्यक होने पर ही पहनें।
नीलम:
धनु लग्न के लिए शनि 2, 3 भावों का स्वामी है। अतः अशुभ ग्रह ही माना जाएगा। शनि लग्नेश बृहस्पति का मित्र भी नहीं है। नीलम धारण नहीं करना चाहिए।
Makar/Capricon
lagna : Lord Saturn
माणिक:
कभी धारण नहीं करें। सूर्य अष्टम-भाव दुःस्थान का स्वामी है और शनि का मित्र नहीं है।
मोती:
कभी धारण नहीं करें। सप्तम भाव का स्वामीहो कर मार्केश है। चंद्र शनि का शत्रु भी है।
मूंगा:
मंगल भी शनि का मित्र नहीं है और मंगल 4, 11 भावों का स्वामी है। मंगल की महादशा के अलावा न पहनें, तो ठीक है। अति आवष्यक होने पर ही धारण करें।
पन्ना:
बुध षष्ठम एवं पंचम त्रिकोण का स्वामी है। पंचम त्रिकोण में बुध की मूल त्रिकोण राशि भी पड़ती है। बुध शनि का मित्र भीहै। पन्ना सदा नीलम के साथ धारण करें, तो ज्यादा उत्तम। बुध की महादशा में धारण करना लाभदायक।
पुखराज:
अशुभ है। बृहस्पति 3 एवं 12 भावों का स्वामी है।शुभ फल नहीं देगा।
हीरा:
इस लग्न के लिए शुभ और योगकारक है। शुक्र पंचम एवं दशम भाव का स्वामी है। शुक्र एवं लग्नेश शनि मित्र हैं। हीरा और नीलम संयुक्त रूप से पहनें, तो अति लाभ। शुक्र की महादशा में हीरा अवस्य पहनें।
नीलम: लग्नेश एवं धनेश शनि है। नीलम पहनना शुभ होगा।
Kumbha/
Aquarius Lagna: Lord Saturn
माणिक:
माणिक न पहनें। शुभ नहीं है। सूर्य कुंभ लग्न में सप्तम स्थान का स्वामी हो कर मार्केश है और लग्नेश शनि का शत्रु भी है।
मोती:
षष्ठेश होकर चंद्रमा दुःस्थान का स्वामी है। चंद्र और शनि मित्र भी नहीं हैं। मोती नहीं पहनें।
मूंगा:
मंगल 3, 10 भावों का स्वामी है। यदि मंगल 10 वें भाव में स्वराशि में स्थित हो, तो ही पहनें, तो ठीक। मंगल और शनि में मैत्री भाव भी नहीं है।
पन्ना:
बुध पंचम एवं अष्टम का स्वामी है। पंचम त्रिकोण स्वामी होने से शुभ माना गया है। लग्नेश शनि का बुध मित्र है। पन्ने को हीरे के साथ, अथवानीलम के साथ पहनें, तो विशेष शुभ फल प्राप्त होगा।
पुखराज:
बृहस्पति 11, 2 भावों का स्वामी हो कर शुभ नहीं है। दूसरे भाव का स्वामी हो कर बृहस्पति मार्केश भी हो जाता है। शनि और बृहस्पति मित्र भी नहीं हैं। धारण न करें।
हीरा:
अति शुभ। इस लग्न में योगकारक ग्रह शुक्र 4, 9 भावों का स्वामी हो कर शनि का मित्र भी है। नीलम के साथ पहनें से हीरा और भी शुभ फल देगा।
नीलम:
शनि लग्नेश है। अतः नीलम जीवन रत्न है। शनि की मूल त्रिकोण राशि भी लग्न में पड़ती है। बारहवें भाव का स्वामी होने का दोष नहीं रहेगा।
Meen/
Pisces Lagna: Lord Jupiter
माणिक:
शुभ नहीं है। सूर्य षष्ठम-भाव दुःस्थान का स्वामी है। फिर भी यदि अपवाद स्वरूप सूर्य छठे भाव में स्वराशि में स्थित हो, तो सूर्य की महादशा में माणिक धारण किया जा सकता है, अन्यथा नहीं।
मोती:
मीन लग्न के लिए चंद्रमा पंचम त्रिकोण का स्वामी है। मोती पहनने से अति शुभ फल मिलेगा। मोती और पुखराज दोनों साथ पहनने से विशेष लाभ होगा। चंद्र की महादशा में मोती अवस्य पहनें।
मूंगा:
मंगल 2, 9 भावों का स्वामी है। नवम त्रिकोण स्वामी हो कर मंगल शुभ ग्रह बन जाता है। मूंगा को पुखराज के साथ, अथवा मोती के साथ धारण करने से सब प्रकार के शुभ फल प्राप्त हो जाएंगे।
पन्ना:
बुध 4, 7 भावों का स्वामी हो कर केंद्राधिपति दोष से दूसित है। मार्केश भी है। पन्ना पहनने से बचना चाहिए।
पुखराज:
बृहस्पति लग्नेश एवं दशमेश है। जीवन रत्न है। अवष्य पहनें। पुखराज को मोती, अथवा मूंगे के साथ पहनने से विशेष लाभ होगा।
हीरा:
कभी न पहनें। शुक्र 3 और 7 भाव का स्वामी हो कर अति अशुभ ग्रह है। शुक्र बृहस्पति का शत्रु भी है।
नीलम:
शनि 11, 12 भावों का स्वामी हो कर अति अशुभ फलदायक ग्रह है। बृहस्पति और शनि परस्पर मित्र भी नहीं हैं। फिर भी एकादश का स्वामी हो कर शनि यदि 1, 2, 4, 5, 9, 11, भावों में स्थित हो, तो शनि की महादशा में नीलम धारण किया जा सकता है। आवस्यकता न हो तो न पहनें।
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