Friday 4 January 2013

Gem for Aries,vrish,mithun lagna


Mesh lagna

माणिक: मेश लग्न में सूर्य पंचम स्थान का स्वामी है। लग्नेष मंगल का मित्र है। माणिक धारण करने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी। सूर्य की महादषा में लाभकारी।
मोती: चंद्र चतुर्थ भाव का स्वामी है। लग्नेष मंगल का मित्र है। मोती धारण करना शुभ है। मूंगा और मोती धारण करना और भी शुभ और लाभकारी।
मूंगा: मंगल लग्नेष है। यह जातक का जीवन रत्न है। आजीवन धारण करें, तो सभी प्रकार से सुखी होंगे।
पन्ना: बुध 3, 6 अनिष्ट भावों का स्वामी है। मंगल का मित्र नहीं है। सोच-समझ कर पहनें।
पुखराज: गुरु नवम त्रिकोण एवं द्वादष भावों का स्वामी है। इस लग्न के लिए शुभ माना गया है। पुखराज मूंगे के साथ विषेश लाभदायक है। बृहस्पति की महादषा में लाभदायक।
हीरा: शुक्र 2, 7 भावों का स्वामी हो कर प्रबल मार्केश है। मंगल का मित्र भी नहीं है। फिर भी शुक्र स्वराषि में अथवा उच्च का हो, तो महादषा (शुक्र की) में धारण कर सकते हैं। पर ध्यान रखें, मारक भी हो सकता है। पहनें तो अच्छा।
नीलम: शनि 10,11 भावों का स्वामी है। एकादश भाव का स्वामी हो कर शनि मेश लग्न के लिए शुभ ग्रह नहीं है। शनि यदि 1, 2, 4, 5, 9, 10, 11 भावों में स्थित हो, तो शनि की महादषा में लाभकारी हो सकता है। पहनें तो अच्छा।

vrish lagna


माणिक:
वृष लग्न में सूर्य भाव 4 का स्वामी है। परंतु सूर्य लग्नेश शुक्र का मित्र नहीं है। यदि चाहें तो सूर्य की महादषा में ही धारण करें। आवश्यक हो, तो पहनें।
मोती:
वृष लग्न में चंद्र 3 भाव का स्वामी है। शुभ नहीं है। मोती धारण नहीं करें।
मूंगा:
वृष लग्न में मंगल 7, 12 भावों का स्वामी है। मूंगा नहीं पहनना चाहिए। अनिष्टकारी है।
पन्ना:
वृष लग्न के लिए बुध 2, 5 भावों का स्वामी है। योग कारक है। पन्ना अवष्य पहनें। बुध की महादषा में विषेश लाभकारी। लग्नेश शुक्र केहीरे के साथपन्ना समृद्घि का दाता है।
पुखराज:
बृहस्पति 8, 11 भावों का स्वामी हो कर शुभ नहीं है। शुक्र और बृहस्पति में मित्रता नहीं है। यदि बृहस्पति 1, 2, 4, 5, 9 भावों में हो, तो बृहस्पति की महादषा में धन लाभ करा सकता है। आवष्यकता हो तो पहनें।
हीरा:
वृष लग्न के लिए शुक्र लग्नेष है। यह जीवन रत्न है। सदा धारण करें।
नीलम:
शनि 9, 10 भावों का स्वामी हो कर शुभ और योग कारक ग्रह माना गया है। हर प्रकार का लाभ देगा। शुक्र रत्न हीरा के साथ नीलम अति लाभदायक है।

Mithun lagna

माणिक:
मिथुन लग्न में सूर्य 3 भाव का स्वामी है। माणिक कभी धारण नहीं करें। हानिकारक होगा।
मोती:
चंद्र 2 भाव का स्वामी है। चंद्र मार्केश भी है। यदि इस लग्न में चंद्रमा 9, 10, 11 भावों में स्थित हो तथा दूसरे भाव में स्वराशि में स्थित हो, तो चंद्र की महादषा में धारण करने से लाभ हो सकता है। आवष्यकता हो तो पहनें।
मूंगा:
कभी नहीं पहनें। मंगल 6, 11 भावों का स्वामी हो कर शुभ फल नहीं देगा। मंगल और लग्नेश बुध मित्र भी नहीं है।
पन्ना:
बुध लग्न एवं चतुर्थ भावों का स्वामी है। पन्ना जीवन रत्न और रक्षा कवच है। अवष्य पहनें। सदा पहनें।
पुखराज:
वर्जित है। बृहस्पति 7, 10 दो केंद्रीय भावों का स्वामी हो कर केंद्राधिपति दोष से दूसित है। मार्केष भी है।
हीरा:
शुक्र इस लग्न में 5, 12 भावों का स्वामी है। पंचम त्रिकोण में शुक्र की मूल त्रिकोण राशि पड़ती है। शुभ माना गया है। शुक्र और बुध में मित्रता है। शुक्र की महादषा में अति शुभ।
नीलम:
इस लग्न में शनि 8, 9 भावों का स्वामी है। नवम् त्रिकोणपति हो कर शुभ माना गया है। शनि की महादषा में लाभकारी।
पन्ना और नीलम साथ में अति शुभ।

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